#1 Best Selling IGNOU CBCS Assignments in All Available in Market
Bought By: 5794 Students
Rating: 4
Get IGNOU BHDC-133 Assignments Soft Copy ready for Download in PDF for (July 2023 - January 2024) in Hindi Language.
Are you looking to download a PDF soft copy of the Solved Assignment BHDC-133 - Aadhunik Hindi Kavita? Then GullyBaba is the right place for you. We have the Assignment available in Hindi language.
This particular Assignment references the syllabus chosen for the subject of Hindi, for the July 2023 - January 2024 session. The code for the assignment is BHDC-133 and it is often used by students who are enrolled in the BAG Degree.
Once students have paid for the Assignment, they can Instantly Download to their PC, Laptop or Mobile Devices in soft copy as a PDF format. After studying the contents of this Assignment, students will have a better grasp of the subject and will be able to prepare for their upcoming tests.
खंड - क
निम्नलिखित पद्यांशों की ससंदर्भ व्याख्या कीजिये
1. प्रेम में मीन मेष कछू नाहिं ।
अति ही सरल पंथ यह सूधो छल नहिं जाके माही ।
हिंसा द्वैष इरखा मत्सर मद स्वास्थ की बातै।
कबहूँ याके निकट न आवै छल प्रपंच की धातै ।
सहज सुभाविक रहनि प्रेम की प्रीतम सुख सुखकारी।
अपुनो कोटि कोटि सुख पिय के तिनकहि पर बलिहारी ।
जहँ ने ज्ञान अभिमान नेम व्रत विशय वासना आवै ।
रीझ खीज दोऊ पीतम की मन आनंद बढ़ावै ।
परमारथ स्वास्थ दोऊ पीतम और जगत नहिं जाने।
हरिश्चंद यह प्रेम रीति कोउ विरले ही पहिचाने।
2. स्वयं सुसज्जित करके क्षण में,
प्रियतम को प्राणों के पण में,
हमीं भेज देती हैं रण में-
क्षात्र धर्म के नाते ।
सखि, वे मुझसे कह कर जाते।
हुआ न यह भी भाग्य अभागा
किस पर विफल गर्व अब जागा?
जिसने अपनाया था, त्यागा,
रहे स्मरण ही आते ।
सखि, वे मुझसे कह कर जाते ।
3. संध्या सुन्दरी
दिवसावसान का समय
मेघमय आसमान से उतर रही है
वह सन्ध्या-सुन्दरी परी सी
धीरे धीरे धीरे
तिमिराञ्चल में चञ्चलता का नहीं कहीं आभास,
मधुर मधुर हैं दोनों उसके अधर,
किन्तु गम्भीर नहीं है उनमें हास - विलास ।
हंसता है तो केवल तारा एक
गुँथा हुआ उन घुँघराले काले बालों से,
हृदय-राज्य की रानी का वह करता है अभिषेक ।
4. मैं क्षितिज भृकुटि पर घिर धूमिल,
चिंता का भार बनी अविरल,
रज- कण पर जल-कण हो बरसी
नवजीवन - अंकुर बन निकली !
पथ को न मलिन करता आना,
पद-चिह्न न दे जाता जाना,
सुधि मेरे आगम की जग में
सुख की सिहरन हो अंत खिली
विस्तृत नभ का कोई कोना,
मेरा न कभी अपना होना,
परिचय इतना इतिहास यही
उमड़ी कल थी मिट आज चली !
खंड - ख
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों में दीजिए:
5. भारतेंदु युगीन काव्य की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए ।
6. हरिऔध के साहित्य की प्रमुख प्रवृत्तियों को रेखांकित कीजिए।
7. रामनरेश त्रिपाठी के रचना संसार पर प्रकाश डालिए ।
8. महादेवी वर्मा की कविता के अंतर्वस्तु की चर्चा कीजिए।
खंड - ग
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 200 शब्दों में दीजिए:
9. भारतेंदु के छंद विधान पर प्रकाश डालिए।
10. जयशंकर प्रसाद की राष्ट्रीय चेतना को स्पष्ट कीजिए।
11. संध्या सुंदरी' कविता का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए ।
12. मौन निमंत्रण' कविता का विश्लेषण करते हुए उसके मंतव्य को स्पष्ट कीजिए ।
खंड - क
निम्नलिखित पद्यांशों की ससंवर्भ व्याख्या कीजिये :
1. नैना वह छवि नाहिन भूलै ।
दया भरी चहुँ दिसि की चितवनि नैन कमल दल फूले ।
वह आवनि वह हंसनि छबीली वह मुस्कनि चित चोरै।
वह बतरानि मुरलि हरि की यह देखन चहूँ कोरे।
वह धीरी गति कमल फिरावन कर लै गायन पाछै।
वह बीरी मुख येनु बजावति पीत पिछौरी काछे।
पर बस भए फिरत है नैना एक छन टरत न टारे।
"हरीचंद" ऐसी छवि निरखत तन मन धन सब हारे।
2. औरों के हाथों नहीं यहां पलती हूँ
अपने पैरों पर खड़ी आप चलती हूँ
अमवारि बिन्दु फल स्वास्थ्य मुक्ति फलती हूँ
अपने अंचल से व्यजन आप झलती हूँ
तनु-लता-सफलता- स्वादु आज ही लाया।
मेरी कुटिया में राज-भवन मन भाया।
3. पंथ होने दो अपरिचित
पंथ होने दो अपरिचित प्राण रहने दो अकेला!
घेर ले छाया अमा बन,
आज कज्जल-अश्रुओं में रिमझिम ले यह घिरा घन,
और होंगे नयन सूखे.
तिल बुझे औ पलक रूखे,
आर्द्र चितवन में यहाँ
शत विद्युतों में दीप खेला!
अन्य होंगे चरण हारे,
और हैं जो लौटते, दे शूल को संकल्प सारे,
दुखव्रती निर्माण उन्मद,
यह अमरता नापते पद,
बाँध देंगे अंक-संसृति
से तिमिर में स्वर्ण बेला!
4. स्तब्ध ज्योत्स्ना में जब संसार
चकित रहता शिशु-सा नादान,
विश्व के पलकों पर सुकुमार
विचरते हैं जब स्वप्न अजान,
न जाने, नक्षत्रों से कौन
निमंत्रण देता मुझको मौन ।
सघन मेघों का भीमाकाश
गरजता है जब तमसाकार,
दीर्घ भरता समीर निःश्वास,
प्रखर झरती जब पावस धार,
न जाने, तमक तड़ित में कौन
मुझे इंगित करता तब मौन।
देख वसुधा का यौवन भार
गूंज उठता है जब मधुमास,
विधुर उर के-से मृदु उद्गार।
खंड -ख
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों में दीजिए :
5. भारतेंदु युगीन कविता की नवीन प्रवृतियों को रेखांकित करते हुए उस युग के प्रमुख कवियों का परिचय भी दीजिए।
6. द्ववेदी युगीन काव्य के अभिव्यंजना शिल्प को रेखांकित कीजिए।
7. छायावाद की पृष्ठभूमि को स्पष्ट करते हुए उसके प्रारंभ की चर्चा कीजिए।
8. निराला काव्य की अर्न्तवस्तु को स्पष्ट कीजिए।
खंड -ग
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 200 शब्दों में दीजिए :
9. छायावाद के प्रमुख कवियों के कृतित्व का परिचय दीजिए।
10. मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में अभिव्यक्त राष्ट्रीय भावना पर प्रकाश डालिए।
11. पंत के काव्य शिल्प की संक्षिप्त चर्चा कीजिए।
12. महादेवी वर्मा की बिंब योजना पर प्रकाश डालिए।
The IGNOU open learning format requires students to submit study Assignments. Here is the final end date of the submission of this particular assignment according to the university calendar.
Here are the PDF files that you can Download for this Assignment. You can pick the language of your choice and see other relevant information such as the Session, File Size and Format.
In this section you can find other relevant information related to the Assignment you are looking at. It will give you an idea of what to expect when downloading a PDF soft copy from GullyBaba.
In addition to this Assignment, there are also other Assignments related to the BAG Hindi you are preparing for. Here we have listed other Assignments that were bought along with this one.