IGNOU MHD-21 (July 2023 - January 2024) Assignment Questions
1. निम्नलिखित पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए:
(क) गोविन्द सूं प्रीत करी, तब ही क्यों न हटकी ।
अब तो बात फैल गई. जेसे बीज बटकी ।
बीच को बिचार छांडि, पारि प्रीति अटकी ।।
अबै चूकै ठौर नाहि, जैसे कला नट की।
साँवरे को सीस धरे, सुरत प्रेम भटकी ।।
घर घर में घणी होत, बाणी घट घट की।
हरिजी सों प्रीति राखि लोक लाज पटकी ।।
बाणी घुलि-गांठ परी, रसना गुण रटकी ।
अब छुटायै छूटे नहीं, भोत बार झटकी ।।
मदमांते हसती सम, फिरत प्रेम लटकी ।
मीरां के प्रभु गिरधर बिन, कौन जाने घट की । ।
(ख) बादल देख डरी हो, स्याम मैं बादल देख डरी।
काली पीली घटा उमंगी, बरस्यो एक घरी ।
जित जाऊं तित पानि हि पानी हुइ सब भोम हरी ।।
जाका पिव परदेश बसत है, भीजै बार खरी ।।
मीरां के प्रभु गिरधरनागर, कीज्यो प्रीत खरी ।।
(ग) वै न मिले जिनकी हम दासी ।
पात पात बृन्दावन ढूँढ्यौ ढूंढि फिरी सगरी मैं कासी ।।
कासी कौ लोग बड़ो विसवासी मुख मैं राम बगल में फांसी ।।
आधी कासी मैं बाँमण बणियाँ आधी कासी बसे सन्यासी ।।
मीरां के प्रभु हरि अबिनासी हरिचरणां की रहौं मैं दासी ।।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (प्रत्येक का लगभग 500 शब्दों में) दीजिए:
(क) मीरा की भक्ति के शास्त्रीय स्वरूप का विवेचन कीजिए ।
(ख) मध्यकालीन भक्त कवयित्रियों का परिचय दीजिए ।
(ग) मीरा की कविता में स्त्री सशक्तीकरण के स्वरों की समीक्षा कीजिए ।
3. निम्नलिखित प्रत्येक विषय पर लगभग 100 शब्दों में टिप्पणी लिखिए:
(क) मीरा के कृष्ण
(ख) लोक-संस्कृति
(ग) इतिहास ग्रंथों में मीरा
(घ) अक्क महादेवी
(ङ) मेड़ता में मीरा
IGNOU MHD-21 (July 2022 - January 2023) Assignment Questions
1. निम्नलिखित पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :
(क) साधुन के संग बैठ बैठ के, लाज गमाई सारी।
नित प्रति उठि नीच घर जायो, कुलकूँ लगावो गारी।।
बड़ा घरांकी छोरी कहावो, नाँचो दे दे तारी।
बर पायो हिंदवाणो सूरज, अब दिल में कहा धारी।।
तार्यो पीहर सासरो तार्यो, माय मोसाली तारी।
मीरां ने सतगुरुजी मिलिया, चरण कमल बलिहारी।।
(ख) ऊँची नीची राह रपटणी, पाँव नहीं ठहराय ।
सोच सोच पग धरूँ जतन से, बार बार डिग जाय।।
ऊँचा नींचा महल पिया का, हमसे चढ्या न जाय।
पिया दूर पंथ म्हारा झीणां, सुरत झकोला खाय।।
कोस कोस पर पहरा बैठ्या, पैंड पैंड बटमार ।
हे विधना कैसी रच दीन्हीं, दूर बस्यो घरबार ।।
जुगन जुगन से बिछड़ी मीरां घर लीन्हां मैं पाय।
मीरा के प्रभु गिरधरनागर, सतगुर दिया बताय ।।
(ग) साजनिया दुसमन होय बैठ्या, सब मैं लगे कड़ी।
तुम बिन साजन कोई नहीं है, डिगी नाव मेरी समंद अडी।।
दिन नहिं चैन रैन नहिं निंदरा, सुकूँ खड़ी खड़ी।
बान बिरह का लग्या हिये में, भूलूँ न एक घड़ी।।
पत्थर की तो अहिल्या तारी, बनके बीच पड़ी।
कहा बोझ मीरां में कहिये, सौ पर एक घड़ी।।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक का लगभग 500 शब्दों में) दीजिए :
(i) मीरा के युग की सामाजिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
(ii) मीरा के कृष्ण की विशिष्टताएँ बताइए।
(iii) मीरा के काव्यभाषा की विशेषताओं का विवेचन कीजिए।
3. निम्नलिखित प्रत्येक विषय पर लगभग 100 शब्दों में टिप्पणी लिखिए :
(i) मीरा की भक्ति
(ii) तुलछयराय
(iii) अपने युग के संदर्भ में मीरा
(iv) गुजरात के भक्ति आंदोलन के प्रमुख कवि
(v) महाराणा मेवाड़ परिवार में मीरा की स्थिति
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