IGNOU MHD-17 (July 2023 - January 2024) Assignment Questions
1. निम्नलिखित काव्यांशों की लगभग 200 शब्दों में संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए:
(क) जगति क्षयधर्मके मुमुक्षुर्मृगयेऽहं शिवमक्षयं परं तत् ।
स्वजनेऽन्यजने च तुल्यबुद्धिर्विषयेभ्यो विनिवृत्तरागदेाष ।।
(ख) न च अस्य दुःख सम्भिन्नतया पुरुषार्थत्वमेव नास्ति"
इति मन्तव्यम् अवर्जनीयता प्राप्तस्य दुःखस्य परिहारेण सुखमात्रस्यैव भोक्तव्यत्वात ।
तद्यथा मत्सयार्थी सशल्कान् सकटकान् मत्स्यानुपादत्ते
स यावदादेय तावदादाय निवर्तते ।
यथा वा धान्यार्थी सपलालानि धान्यानि आहरति स याददादेय तावदादाय निवर्तते ।
तस्माद् दुःखमयात् नानुकूलवेदनीयं सुखं त्यक्तुमचितम।।
(ग) धरहि म थक्कु म जाहि वणे, जहितहि मण परिआण
सजलु णिरन्तर बोहि ठिअ, कहिं भव कहिं णिवबाण
णउ धरे ण्उ वणें बोहि ठिउ, एहु परिआणुहु भेउ ।
णिम्मल चित्त सहायता करहु अविकल सेउ ।।
(घ) कनक माया है. कनक माया नहीं,
नारी माया है, नारी माया नहीं,
मिट्टी माया है, मिट्टी माया नहीं,
मन की आशां ही माया है, हे! गुहेश्वर
2. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 500 शब्दों में दीजिए:
(क) दिङ्नाग के दर्शन पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
(ख) लोकायत दर्शन का विवेचन कीजिए।
(ग) नाथ साहित्य के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को समझाइये।
(घ) कन्नड़ भक्ति साहित्य की परंपरा का परिचय बताते हुए वचन साहित्य की विशेषताएं बताइये।
3. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए:
(क) अश्वघोष
(ख) संवाद लोकतांत्रिक परंपरा
(ग) नाथ साहित्य
(घ) अक्का महादेवी
IGNOU MHD-17 (July 2022 - January 2023) Assignment Questions
1. निम्नलिखित काव्यांशों की लगभग 200 शब्दों में संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :
(क) “शीलानाच्छीलमित्युक्तं शीलनं सेवनादपि।
सेवनं तन्निदेशाच्च निदेशश्च तदाश्रयात् ।।"
(ख) "इत्येषा व्युपशान्तये न रतये मोक्षार्थगर्भाकतिः,
ओवणां ग्रहणार्थमन्यमनसां काव्योपचाशत् कृता।
यन्मोक्षात्कृतमन्यदव हि मया तत्काव्यधर्मात् कृतम्,
पातुं तिक्तभिवौषधं मधुयुतं हृद्यं कथं स्यादिति ।।"
(ग) प्रतयक्ष कल्पनापोडं
नामजात्यादि-असंयुतम।
(घ) अतएव कटकादिजन्यं दुःखमेव नरकः ।
लोकसिद्धो राजा परमेश्वरः देहच्छेदो मोक्षः ।
देहात्मवादे च स्थूलोऽहं, कृशोऽहं, कृणोऽहम इत्यादि सामानाधिकरण्योपपत्तिः ।
'मम शरीरम्' इति व्यवहारो राहोः शिरः इत्योदिवदौपचारिकः ।।
2. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 500 शब्दों में दीजिए:
(क) प्रमाणवाद को स्पष्ट करते हुए, प्रत्यक्ष प्रमाण के तत्वों को विस्तार से बताइये।
(ख) संवाद की लोकतांत्रिक परम्परा पर प्रकाश डालिए।
(ग) सिद्ध संप्रदाय के ऐतिहासिक परिवेश को समझाइये।
(घ) तेलगु की संत परंपरा को समझाते हुए, तेलगु के प्रमुख संत कवियों पर विचार
कीजिए।
3. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए:
(क) बौद्ध धर्म के उदय एवं विकास को संक्षेप में बताइये।
(ख) आर्य नागार्जुन के दर्शन को समझाइये।
(ग) निर्गुण संत कवियों के सामाजिक पक्ष पर प्रकाश डालिए।
(घ) महानुभाव पंथ का मूल्यांकन कीजिए।
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