IGNOU MHD-04 (July 2023 - January 2024) Assignment Questions
(1) निम्नलिखित अवतरणों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए ।
(क) चूरन सभी महाजन खाते।
जिससे जमा हजम कर जाते ।।
चूरन खाते लाला लोग ।
जिसकी अकिल अजीरन रोग ।।
चूरन खायें एडिटर जात ।
जिनके पेट पचै नहिं बात ।।
चूरन साहेब लोग जो खाता ।
सारा हिंद हजम कर जाता ।।
चूरन पुलिस वाले खाते ।
सब कानून हजम कर जाते ।।
(ख) कई-कई दिनों के लिए अपने को उससे काट लेती हूँ। पर धीरे-धीरे हर चीज फिर उसी ढर्रे पर लौट आती है। सब कुछ फिर उसी तरह होने लगता है जब तक कि हम जब तक कि हम नए सिरे से उसी खोह में नहीं पहुँच जाते मैं यहाँ आती हूँ..... यहाँ आती हूँ तो सिर्फ इसीलिए कि
(ग) लोहा बड़ा कठोर होता है। कभी-कभी वह लोहे को भी काट डालता है। उहूँ भाई! मैं तो मिट्टी हूँ - मिट्टी जिसमें से सब निकलते हैं। मेरी समझ में तो मेरे शरीर की धातु मिट्टी है, जो किसी के लोभ की सामग्री नहीं, और वास्तव में उसी के लिए सब धातु अस्त्र बनकर चलते हैं, लड़ते हैं, जलते हैं, टूटते हैं, फिर मिट्टी हो जाते हैं। इसलिए मुझे मिट्टी समझो - धूल समझो।
(घ) यह आत्महत्या होगी प्रतिध्वनि
इस पूरी संस्कृति में
दर्शन में, धर्म में, कलाओं में
शासन व्यवस्था में
आत्मघात होगा बस अंतिम लक्ष्य मानव का
(2) अंधायुग' के चरित्रों की प्रतीकात्मकता का उल्लेख करते हुए नाटक में वर्णित मूल्य संघर्ष की प्रासंगिकता बताइए।
(3) लोभ और प्रीति' निबंध के भावों का विवेचन करते हुए शुक्लजी की मनोभाव संबंधी अवधारणाओं पर अपना मत प्रस्तुत कीजिए।
( 4 ) "हिन्दी जीवनी साहित्य में 'कलम का सिपाही एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।" इस कथन की समीक्षा कीजिए ।
(5) अदम्य जीवन की विषयवस्तु के प्रति लेखकीय दृष्टिकोण का सोदाहरण विश्लेषण कीजिए ।
( 6 ) निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए:
(क) 'तांबे के कीडे' की प्रतीक योजना
(ख) साक्षात्कार और 'ऑक्टेवियो पॉज'
(ग) धोखा' निबंध का प्रतिपाद्य
(घ) 'ठकुरी बाबा' की चारित्रिक विशेषताएं
IGNOU MHD-04 (July 2022 - January 2023) Assignment Questions
1. निम्नलिखित अवतरणों में से किन्हीं चार की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए ।
(क) एक टका दो, हम अभी अपनी जात बेचते हैं। टके के वास्ते ब्राह्मण से धोबी हो जाएं और धोबी को ब्राह्मण कर दें, टके के वास्ते जैसी कहो, वैसी व्यवस्था दें। टके के वास्ते झूठ को सच करें। टके के वास्ते ब्राह्मण से मुसलमान, टके के वास्ते हिन्दू से क्रिस्तान । टके के वास्ते धर्म और प्रतिष्ठा दोनों बेचें।
(ख) किंतु उस दिन यह सिद्ध हुआ कि
जब कोई भी मनुष्य
अनासक्त होकर चुनौती देता है इतिहास को
उस दिन नक्षत्रों की दिशा बदल जाती है।
निर्यात नहीं है, पूर्व निर्धारित
उसको हर क्षण मानव-निर्णय बनाता मिटाता है।
(ग) मैं खुद भी एक मज़दूर हूँ।
मैं खुद भी एक किसान हूँ ।
मेरा पूरा जिस्म दर्द की तस्वीर है
मेरी रग-रग में नफरत की आग भरी है।
और तुम कितनी बेशर्मी से कहते हो कि
मेरी भूख एक भ्रम और मेरा नंगापन एक ख्वाब ।
(घ) "जन्मभूमि का प्रेम स्वदेश प्रेम यदि वास्तव में अंतःकरण का भाव है तो स्थान के लोभ के अतिरिक्त और कुछ नहीं है। इस लोभ के लक्षणों से शून्य देश प्रेम कोरी बकवास या फैशन के लिए गढ़ा हुआ शब्द है ।"
(ङ) ...मनुष्य को नंगा रखकर मनुष्य ने अपने मुनाफों के लिए बेशुमार कपड़ा तालों में बंद कर रखा, जहाँ वस्तु मनुष्य के लिए न होकर पैसे के लिए थी। कितना बड़ा व्यंग्य और विद्रूप था यह कि आज कपड़ा बनाने वाले स्वयं नंगे थे।"
2. 'स्कुदगुप्त की रंगमंचीयता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए ।
3. 'आधे-अधूरे में व्यक्त मध्यवर्गीय जीवन का मूल्यांकन कीजिए।
4. 'अदम्य जीवन' में बंगाल के दारूण यथार्थ के चित्रण का विवेचन कीजिए ।
5. 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ के महत्त्व और सामाजिक उपादेयता का विश्लेषण कीजिए ।
6. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए:
(क) 'ठकुरी बाबा' का प्रतिपाद्य
(ख) साक्षात्कार का महत्त्व
(ग) जीवनी और कहानी में अंतर
(घ) आत्मकथा लेखन
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