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IGNOU BHDE-101 - Hindi Gadhya

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Rating: 4.2

हिंदी गद्य

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IGNOU BHDE-101 Code Details

  • University IGNOU (Indira Gandhi National Open University)
  • Title हिंदी गद्य
  • Language(s)
  • Code BHDE-101
  • Subject Hindi
  • Degree(s) BA
  • Course Core Courses (CC)

IGNOU BHDE-101 Hindi Topics Covered

Block 1 - हिंदी गद्य का स्वरूप और विकास

  • Unit 1 - हिंदी गद्य का विकास
  • Unit 2 - हिंदी गद्य की विविध विधाएँ

Block 2 - हिंदी कहानी

  • Unit 1 - हिंदी कहानी: स्वरूप और विकास
  • Unit 2 - उसने कहा था (चंद्रधर शर्मा गुलेरी): वाचन
  • Unit 3 - उसने कहा था: विश्लेषण और मूल्यांकन
  • Unit 4 - शतरंज के खिलाड़ी (प्रेमचंद): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 5 - शरणदाता (अज्ञेय): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 6 - ठेस (फणीश्वरनाथ रेणु): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 7 - वापसी (उषा प्रियंवदा): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 8 - भैया एक्सप्रेस (अरुण प्रकाश): वाचन और विश्लेषण

Block 3 - हिंदी उपन्यास

  • Unit 1 - हिंदी उपन्यास: स्वरूप और विकास
  • Unit 2 - निर्मला (प्रेमचंद): वाचन और व्याख्या-I
  • Unit 3 - निर्मला: वाचन और व्याख्या-II
  • Unit 4 - निर्मला: कथावस्तु
  • Unit 5 - निर्मला: चरित्र-चित्रण
  • Unit 6 - निर्मला: परिवेश, संरचना-शिल्प
  • Unit 7 - निर्मला: प्रतिपाद्य और प्रेमचंद का वैशिष्टय

Block 4 - हिंदी एकांकी और अन्य दृश्य विधाएँ

  • Unit 1 - हिंदी एकांकी और अन्य दृश्य विधाएँ: स्वरूप और विकास
  • Unit 2 - श्रव्य-दृश्य माध्यमों के लिए लेखन
  • Unit 3 - कौमुदी महोत्सव (रामकुमार वर्मा): वाचन
  • Unit 4 - कौमुदी महोत्सव: विश्लेषण और मूल्यांकन
  • Unit 5 - रीढ़ की हड्डी (जगदीशचंद्र माथुर): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 6 - सबसे सस्ता गोश्त (असगर वजाहत): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 7 - रात बीतने तक (मोहन राकेश): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 8 - ‘घीसा’ की पटकथा (मन्नू भंडारी): वाचन और विश्लेषण

Block 5 - हिंदी नाटक

  • Unit 1 - हिंदी नाटक: स्वरूप और विकास
  • Unit 2 - ध्रुवस्वामिनी (जयशंकर प्रसाद): वाचन एवं व्याख्या
  • Unit 3 - ध्रुवस्वामिनी: कथानक
  • Unit 4 - ध्रुवस्वामिनी: चरित्र-चित्रण
  • Unit 5 - ध्रुवस्वामिनी: परिवेश तथा संरचना-शिल्प
  • Unit 6 - प्रतिपाद्य और अभिनेयता
  • Unit 7 - ध्रुवस्वामिनी: रचना दृष्टि की सार्थकता और नवीनता

Block 6 - हिंदी निबंध और अन्य गद्य विधाएँ

  • Unit 1 - हिंदी कथेतर गद्य: स्वरूप और विकास
  • Unit 2 - स्वर्ग में विचारसभा का अधिवेशन (भारतेंदु हरिश्चंद्र): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 3 - नाखून क्यों बढ़ते हैं? (हजारी प्रसाद द्विवेदी): वाचन
  • Unit 4 - नाखून क्यों बढ़ते हैं?: विश्लेषण और मूल्यांकन
  • Unit 5 - घीसा (महादेवी वर्मा): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 6 - पगडंडियों का जमाना (हरिशंकर परसाई): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 7 - त्रिलोचन (फणीश्वरनाथ रेणु): वाचन और विश्लेषण
  • Unit 8 - सिंध में सत्रह महीने (नागार्जुन): वाचन और विश्लेषण
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IGNOU BHDE-101 (July 2023 - January 2024) Assignment Questions

भाग 'क' 1. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन गद्याशों की संदर्भ व्याख्या कीजिए । (क) चार दिन तक पलक नहीं झपी बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़े सिपाही । मुझे तो संगीन चढ़ाकर मार्च का हुक्म मिल जाए। फिर सात जर्मनों को अकेला मारकर न लौटू तो मुझे दरबार साहब की देहली पर मत्था टेकना नसीब न हो। (ख) जीवन, तुमसे ज्यादा असार भी दुनिया में कोई वस्तु है? क्या वह उस दीपक की भांति क्षणभंगुर नहीं, जो हवा के एक झोंके से बुझ जाता है। पानी के एक बुलबुले को देखते हो लेकिन उसे टूटते भी कुछ देर लगती है, जीवन में उतना सार भी नहीं। साँस का भरोसा ही क्या और इसी नश्वरता पर हम अभिलाषाओं के कितने विशाल भवन बनाते हैं। नहीं जानते जाने वाली सांस ऊपर आयेगी या नहीं; पर सोचते इतनी दूर की हैं, मानो हम अमर हैं। (ग) अरे भाई उन दिनों हमारे लिए तो वे कालिदास और शेक्सपियर के बराबर थे। उनके नाटक पढ़कर और मुहल्ले के एक रसीली आवाज वाले लड़के से उनके गाने सुनकर हम उनकी कला का रसास्वादन कर लिया करते थे। (घ) निर्लज्ज ! मद्यप!! क्लीव !!! ओह तो मेरा कोई रक्षक नहीं? (ठहर कर ) नहीं, मैं अपनी रक्षा स्वयं करूंगी। मैं उपहार में देने की वस्तु, शीतल मणि नहीं हूं। मुझमें रक्त की तरल लालिमा है। मेरा हृदय उष्ण है और उसमें आत्म सम्मान की ज्योति है। उसकी रक्षा मैं ही करूंगी। (ड.) जब एक बार मनुष्य अपना पैर कीचड़ में डाल देता है, तब फिर वह यह नहीं देखता कि वह कहाँ और कैसी जगह पर रखता है। धीरे-धीरे उन बुरी बातों से अभ्यस्त होते-होते तुम्हारी घृणा कम हो जायेगी। पीछे तुम्हें उनसे चिढ़ न मालूम होगी, क्योंकि तुम यह सोचने लगोगे कि चिढ़ने की बात ही क्या है। तुम्हारा विवेक कुंठित हो जाएगा और तुम्हें भले-बुरे की पहचान न रह जाएगी। अंत में होते-होते तुम भी बुराई के भक्त बन जाओगे। भाग 'ख' 2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (क) नाटक के मुख्य तत्वों पर प्रकाश डालिए । (ख) 'निर्मला' उपन्यास का चरित्र चित्रण की विधियों के आधार पर मूल्यांकन कीजिए । (ग) ध्रुवस्वामिनी' की कथावस्तु का विश्लेषण कीजिए। (घ) नाखून क्यों बढ़ते हैं? की अंतर्वस्तु पर प्रकाश डालिए । (ङ) परदा' कहानी के संरचना शिल्प पर टिप्पणी लिखिए। (च) 'आकाशदीप कहानी के परिवेश का मूल्यांकन कीजिए 3. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पर टिप्पणी लिखिए: (क) कहानी की संरचना और शिल्प (ख) रेखाचित्र और संस्मरण (ग) प्रेमचंद पूर्व हिंदी उपन्यास (घ) रेडियो नाटक (ङ) जोंक' एकांकी में चरित्र-चित्रण (च) निबंध के भेद

IGNOU BHDE-101 (July 2022 - January 2023) Assignment Questions

भाग क निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : 1. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन गद्याशों की संदर्भ व्याख्या कीजिए। (क) लड़ाई के समय बाँद निकल आया था। ऐसा चाँद जिसके प्रकाश से संस्कृत कवियों का दिया हुआ क्षयी' नाम सार्थक होता है। और हवा ऐसी चल रही थी, जैसे कि बाणभट्ट की भाषा में "दंतवीणोपदेशाचार्य कहलाती। (ख) शहर में न कोई हलचल थी न मारकाट। एक बूंद भी खून नहीं गिरा था। आज तक किसी स्वाधीन देश के राजा की पराजय इतनी शांति से. इस तरह खून बहे बिना न हुई होगी। यह वह अहिंसा न थी, जिस पर देवगण प्रसन्न होते हैं। यह वह कायरापन था जिस पर बड़े-बड़े कायर भी आँसू बहाते हैं। (ग) और क्या साहब! देखिए कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि जब आपने अपने लड़कों को बी.ए. एम.ए तक पढ़ाया है तब उनकी बहुए भी ग्रेजुएट लीजिए। भला पूछिए इन अक्ल के ठेकेदारों से कि क्या लड़कों की पढ़ाई और लड़कियों की पढ़ाई एक बात है। अरे मी का काम तो है ही पढ़ना और काबिल होना। अगर औरतें भी वही करने लगीं, अंग्रेजी अखबार पढ़ने लगी और पॉलिटिक्स' वगैरह पर बहस करने लगी तब तो हो चुकी गृहस्थी। जनाब, मोर के पंख होते हैं मोरनी के नहीं, शेर के बाल होते हैं, शेरनी के नहीं। (घ) राजनीति? राजनीति ही मनुष्यों के लिए सब कुछ नहीं। राजनीति के पीछे नीति से भी हाथ न धो बैठो, जिसका विश्व मानव के साथ व्यापक संबंध है। राजनीति की साधारण छलनाओं से सफलता प्राप्त करके क्षण भर के लिए तुम अपने को चतुर समझ लेने की भूल कर सकते हो। परंतु इस भीषण संसार में प्रेम करने वाले हृदय को खो देना, सबसे बड़ी हानि है। शकराज! दो प्यार करने वाले हृदयों के बीच में स्वर्गीय ज्योति का निवास है। (ङ) बाबा अब तो तुम लोगों की सैल्फगवर्नमेंट है। अब कौन हम को पूछता है, जो जिसके जी में आता है करता है। अब चाहे वेद क्या संस्कृत का अक्षर भी स्वप्न में भी न देखा हो पर धर्म विषय पर वाद करने लगते है। हम तो केवल अदालत या व्यवहार या स्त्रियों के शपथ खाने को ही मिलाए जाते हैं। किसी को हमारी डर है? कोई भी हमारा सच्चा लायक है? भाग 'ख 2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (क) द्विवेदी युग के नाटक, उपन्यास, कहानी, निबंध और समालोचना पर प्रकाश डालिए। (ख) 'ध्रुवस्वामिनी' के संरचना और शिल्प पर टिप्पणी कीजिए। (ग) निर्मला उपन्यास की कथावस्तु की विशेषताएं बताइये। (घ) रीढ़ की हड्डी की कथावस्तु पर प्रकाश डालिए। (ङ) ठेस' कहानी के चरित्र-चित्रण पर चर्चा कीजिए। (च) नाटक विधा के मुख्य तत्वों पर प्रकाश डालिए। 3. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पर टिप्पणी लिखिए : (क) ध्रुवस्वामिनी (ख) मुंशी तोताराम (ग) स्वर्ग में विचारसभा का अधिवेशन' की अन्तर्वस्तु को समझाइए (घ) सिनेमा और टेलीविजन की पटकथा (ङ) रात बीतने तक (रेडियो नाटक) (च) कौमुदी महोत्सव
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